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टूटी चोंच कुसंग से, सुआ भये उदास / गंगादास

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टूटी चोंच कुसंग से, सुआ भये उदास ।
आए थे कुछ ब्याज को मूल बी कर लिया नास ।।

मूल बी कर लिया नास बड़े धोके में आए ।
इन कागों के संग बड़े दुख हमने पाये ।।

गंगादास तक़दीर जहाँ कागों में फूटी ।
कागा हांसी करे चोंच तोते की टूटी ।।