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टेरत है घनश्याम तुम्हे तो / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

टेरत हैं घनश्याम तुम्हें तो
कोई टेरत है नन्दलाल
टेरत-टेरत दूर निकल गईं,
लेत तुम्हारो नाम। तुम्हें तो...
गोरी-गोरी उमर की छोटी,
राधा उनका नाम। तुम्हें तो...
कहां का रहना, कहां का मिलना,
कहां भई पहचान। तुम्हें तो...
गोकुल रहना, मथुरा मिलना,
बरसाने पहचान। तुम्हें तो...
टेरत हैं घनश्याम...