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टेलीफोन / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
लूंठो चुगलखोर !
जको
इन्नै री बात बिन्नै करै
बिन्नै री बात इन्नै करै
अर
मिनख बावळो
इण चुगलखोर रा
पईसा भरै !