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टोपी / ब्रज श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
गुलाबी और मुलायम
ठंड में सिर को गरमी देने वाली
मेरी प्रिय टोपी गुम गयी
उसके बगैर निकला बाहर
तो भी सबने मुझे पहचान लिया
मेरी ज़रूरत थी वो टोपी
उस टोपी के जैसी नहीं
जो लोगों की पहचान बन जाती है