भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टोल-पड़ोस: संग-समाज / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उत्तर सहटि हथौड़ि खरारी मधुरापुर रहटोलि
भटोराक मठ श्रीपुर गाहर मन्दिर देहरि झोलि
दच्छिन उदयन - अयन करिअनहु, परशुराम उपगाम
हासोपुर गुदारघाटहु बंधार सादिपुर नाम
बरिआही घाटहु दिस पूबे, शिवाजीक पुर नव्य
अखत महिषवाड़हु बहादुरक ठनकेँ अरि हन्तव्य
नौआ पोखरि रन्ना चन्ना परती रानि रमोल
गंज गुंज अमरौती बगही छोटका नवका टोल
संग समाज बहेड़ी बोरज करिअन बलहा बंध
बंदा देकुली दसवत विड़हा पोखरामक अनुबंध
कोइलख मङरौनी सौराठ तरौनी रहिका राँटी
पिलखबार ककरौड़ सतलखा बिरसैरहु जत खाँटी
पाँजि कन्हौली मोहन शाखा पुनि भराम रजग्राम
भगिनवान कत भाग्यवान जनि’ चूल तूल मुल-ग्राम
पंचाभेसँ भानुपुरो पुनि बल्लीपुर बधार
बारह गाम, भोजहु जयबाड़ी बढ़ले जाय पसार
ठाहर ठहरि, हसनपुर सहटि, जगन्नाथहुपुर जाय
करिअन-बलहा, बैजनाथपुर, गाहर, बाहर भाय
बाधोपुर-सेदुखा-सादीपुर संग समाज सजाय
योजन भरि सौजनियाँ परिजन सभकेँ संग लगाय
पान पतैलीसँ, रेवड़ासँ दूध - राबड़िक भोग
करिअनतँ पुरहित, राजेष्टित थाना रोसड़ा योग
चक-महुली, मुसहरी - एरौत, अधेर - कामुपुर चास
डगर हथौड़ी दरभंगा शहरी धरि बढ़ले बास
रोसड़ा किसनपुरा मुक्तापुर स्टेशन पूर समस्त
पद गति स्वमत हथौड़ि बहेडि स्व-पथ पुजि पहुँचब मस्त
सहचर सचर बन्धु साहित पथ नीति धर्म रथ अंग
रुचि हो चलिअ, संग पूरिअ, हे सहृद सुहृद! अनुषंग