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ठीक से रहना, ठीक से चलना / धीरज कंधई

इस दुनिया में ठीक से रहना है।
सब से प्रेम करो, सब का आदर करो
एकता में रहो, अपने होश में रहो
दुनिया में सबसे बच कर रहो
दूसरे को दुख मत दो, शान्ति से रहो
गुरु का आदर करो
संसार में घमंड मत करो।
एक अच्छे इन्सान बनो
अच्छे मार्ग पर चलते रहो
काम, क्रोध, लोभ, मोह से बचकर रहो
एक पवित्र इन्सान बनो
इस देश सूरीनाम में ठीक से रहना
यही भगवान तक ले जाता है।