हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ठुमक चलती चाल घोड़ी
अजब चलती चाल घोड़ी ठुमक।।
आगे घोड़ी तुम चलो री
पीछे से बाबा हुसियार घोड़ी! ठुमक।।
ऊदी व पीली बादामी सफेद
चार रंग दे रहे बहार घोड़ी। ठुमक।।
आगे घोड़ी तुम चलो री
पीछे से ताऊ हुसियार घोड़ी। ठुमक।।
ऊदी व पीली बादामी सफेद
चार रंग दे रहे बहार घोड़ी। ठुमक।।