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ठुमुक-ठुमुक नाच रह्यो श्याम आगन मे झाक रही मैया / बुन्देली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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ठुमुक-ठुमुक नाच रह्यो श्याम, आंगन में झांक रही मैया।
मैया को देख हँसो श्याम, शरम गयेा बारों। कन्हैया...
सर पे बंधो मोर मुकुट, मोहन ने उतार दियो
हाथों में बाजूबंद, मोहन ने डार दियो
कर न सकूं मैं बयान, शरम गयो बारों। कन्हैया...
कमर में करधोनी, मोहन ने उतार दई
पीताम्बर पट की किनारी भी फाड़ दई
अंगना में लोट गयो, श्याम शरम गयो बारों। कन्हैया...
दौड़ी आई मैया, झट गोद में उठाय लियो
आंचल से आंसु पोंछ, गोद में बिठाय लियो
चंदा को देख हँसो श्याम, शरम गयेा बारों। कन्हैया...