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ठेला गाड़ी / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
तरह-तरह के ठेला गाड़ी
दौड़ै बिना झमेला गाड़ी
खेल-खेल में, घूरोॅ मेला
घींचें गोपी, ठेल सुहेला।
अपन्हैं बैठोॅ, लाधोॅ बोझा
जन्नें चाहोॅ हुन्हैं सोझा
पहुँचै खेतॉे, बारी-झाड़ी
बिना तेल के ठेला गाड़ी।