झम्मर-झम्मर पहन लबादा
धम्मर-धम्मर आओ दादा,
ऊँचे-ऊँचे हाथी दादा
लंबे-तगड़े हाथी दादा।
दादा क्या पूरे परदादा
आओ, आओ हाथी दादा!
चलता-फिरता एक पहाड़ हो
ऐसी है यह भारी काया,
कैसा तुमने रोब जमाया
सारा यह जंगल थर्राया।
कहलाते हो सचमुच हीरो
जिनके आगे सारे जीरो,
जितने भी जंगल के प्राणी
लगते जैसे नन्हे प्यादा।
रोब दिखाओ अब मत ज्यादा
झूम-झूम के आओ दादा,
पहन के लंबा खूब लबादा
डांस जरा दिखलाओ दादा।
भूल गए क्या पिछला वादा,
बोलो, बोलो हाथी दादा!