मुझे उस डाकघर की बहुत याद आती है,
वहाँ लाल कमेलिया का फूल खिलता था ।
मुझे उस काले द्वार की बहुत याद आती है,
उससे पीठ टिकाकर मैं हमेशा बादलों को देखती थी ।
पीछे छूट गया वह दिन भी मुझे बहुत याद आता है
लाल कमेलिया के फूलों को जमाकर
लपेट लिया था मैंने अपने छोटे से झबले में
और डाकिया मुझे देखकर हँस रहा था ।
कमेलिया का पेड़ काट डाला गया
वह दरवाज़ा भी तोड़ दिया
रँग-रोगन की गन्ध छोड़ता
वहाँ नया डाकघर बन गया ।
मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची