भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डाला लऽ बहार भेली बहिनो से मुन्नी बहिनो / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
डाला लऽ बहार भेली बहिनो से मुन्नी बहिनो
अप्पु भैया लेल डाला छीन
सुनू राम सजनी
दुरबा बैसल अहाँ बाबा हे बरइता
अहाँक बेटा लेल डाला छीन
सुनू राम सजनी
कथीये के आहे बेटी डाला तोहर छल
कथिये सजाओल चारू कोर
सुनु राम सजनी
कांचहि बाँस केर डाला हे बाबा हमर
फुलबा सजाओल चारू कोर
सुनु राम सजनी
दय दही आरे बेटा बहिनिक डाला
सामा खेलऽ जायत बड़ी दूर
सुनू राम सजनी
जँ तोहेँ आहे दिदिया डाला दय देब
हमरा के की देब दान
सुनू राम सजनी
घोड़बा चढ़न देब, पोथी पढ़न देब
छोटकी ननदि करब दान
सुनू राम सजनी