भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डूबने की तैयारी / कुँअर रवीन्द्र
Kavita Kosh से
छाया जब आदमी के कद से
लम्बी होने लगे
या अन्धेरा सतह से
जब ऊपर उठने लगे
तब निश्चित ही
सूरज एकांत में कहीं
डूबने की तैयारी कर रहा होता है