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डूब गई बेहूदी अंजना कर दिये बारा बाट तनै / मेहर सिंह

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वार्ता- सज्जनों पवन की माता को बांदी के द्वारा जब इस बात का पता चलता है कि अंजना गर्भवती है तो वह दुहागी महल में जाती है और अंजना को क्या कहती है

आगा पाच्छा देख्या कोन्या लूट्टे सै रंग ठाठ तनै।
डूब गई बेहूदी अंजना कर दिये बारा बाट तनै।टेक

लिहाज शर्म तनै तार बगादी अंजना खप्पर भरणी हे
धर्म छोड़ कै अधर्म करती कोन्या पार उतरणी हे
कर्मां के फल मिलैं तनै आगै आवै तेरै करणी हे
हररया ढ़ांडी की तरियां तूं खूद बिराणी चरणी हे
खुली बछेरी चरी बाढ़ मैं घाली कोन्या घाट तनै।

संदका संदकी दिखै सै तेरे खोट नै कड़ै ल्हको ल्यूं हे
ओड पवाड़ा रच बैठी तनै कड़े कड़े तै रो ल्यूं हे
ना दुनियां में जतन ईसा तेरे पाप दाग नै धो लूं हे
के सहारा सै घणी कहण का मैं भी भूण्डी हो ल्यूं हे
खून बिराणा तेरे पेट मैं ल्यूं क्यूकर घर मैं डाट तनै।

नोमा महीना पूरा हो जब कती उघाड़ उघड़ज्या हे
दुनिया मैं तेरी चर्चा चालै सारी बोर बिगड़ ज्या हे
मुंह काला कर बैठी तेरे नागिन काली लड़ज्या हे
ना चाहती तेरी शान देखणी घर तै बाहर लिकड़ज्या हे
बेशक कुआ जोहड़ टोह लिए मैं कोन्या रही नाट तनै।

आ लेण दे तेरे खसम ढ़ेड नै तेरे नल मैं लठ ठुकवा द्यूंगी
सारे ठाठ भूल ज्यागी दिन मैं तारे दिख्वा द्यूंगी
जै बोलैगा तरी मेर मैं न्यारे भांडे धरवा द्यूंगी
मेरे बस की नहीं रै सांडणी न्यू चिट्ठी मैं लिखवा द्यूंगी
तेरी बहू घरां तूं रहै फौज मैं के रो ल्यूं मेहर सिंह जाट तनै।