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डॉक्टर / संजीव ठाकुर

डॉक्टर!
मैं पागल हो गया हूँ क्या?
कर नहीं पाता
गधे और घोड़े में भेद
मेरी ‘थिंकिंग’ बहुत ‘एब्स्ट्रैक्ट’ हो गई है।

डॉक्टर!
मुझे जाँचो, परखो
पर, नुसख़ा लिखने से पहले
यह तय कर लो
कि कहीं तुम भी तो?