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ढंग अपना जुदा हो गया है / बलबीर सिंह 'रंग'

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ढंग अपना जुदा हो गया है,
क्योंकि बंदा खुदा हो गया है।
बात करता है इन्सानियत की,
‘रंग’ को न जाने क्या हो गया है?