मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ढकरत नीर घर धरकत छतिया
बाजूबन्द बाँहि ससरि खसू चुड़िया
आली री, वृजुवन बाजत बंसुरिया
अपने तँ टेरे कान्हा विरह बंसुरिया
हम कोना जीबै, जीबै एसगर रतिया
आली री, वृजुवन बाजत बंसुरिया
ढकरत नीर घर धरकत छतिया
बाजूबन्द बाँहि ससरि खसू चुड़िया
आली री, वृजुवन बाजत बंसुरिया
अपने तँ टेरे कान्हा विरह बंसुरिया
हम कोना जीबै, जीबै एसगर रतिया
आली री, वृजुवन बाजत बंसुरिया