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ढहैत भावनाक देबाल / गजेन्द्र ठाकुर
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ढहैत भावनाक देबाल
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
आकांक्षाक बखारी अछि भरल
प्रतीक बनि ठाढ़
घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक मन्द्इर आकि
ओसारापर राखल तुलसीक गाछ
प्रतीक सहृदयताक मात्र ।
मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
स्विमिंगपूलक नील देबाल,
बनबैत पानिकेँ नील रंगक ।
मोनक रंगक अदृश्य देबाल
ढहैत
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बहैत।