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ढाबे में / लाल्टू
Kavita Kosh से
बूढ़े ने कहा
ठंड आ गयी साहब
कल दीवाली है
और जूठे बर्तन
उठाकर चला गया
कितनी गंदी है दीवाली
गंदी है
मीठी सी मुस्कान बूढ़े की।