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ढेंचू-ढेंचू / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
हम भी अच्छे, तुम भी अच्छे
दोनों अच्छे, ढेंचू-ढेंचू
जो भी हम-सा राग अलापे
वह भी अच्छा, ढेंचू-ढेंचू
मेरा खूँटा, मेरी रस्सी
यही है दुनिया, ढेंचू-ढेंचू
हम भी गदहे, तुम भी गदहे
जग गदहामय, ढेंचू-ढेंचू
यदि तुम हिन-हिन करते हो तो
तुम घटिया हो, ढेंचू-ढेंचू