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ढोल बजने वाले से / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
ढोल बजाने वाले भैया
ऐसा ढोल बजाना रे
झूमझूम कर नाचें बच्चे
ऐसी धूम मचाना रे
हम गायेंगे, हम नाचेंगे
भारत की जय बोलेंगे
सब बच्चों से गले मिलेंगे
प्रेम की बोली बोलेंगे
निज स्वदेश में घूम-घूम तुम
ऐसा ढोल बजाना रे
बच्चे सब अच्छे बन जाएँ
जादूकर दिखलाना रे।