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ढौंसा बेंग / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
चितकाबरोॅ छै ढौंसा बेंग
बड़ा बड़ा छै जेकरो टेंग
उछलै कूदै फानै छै
जेना ओलंपिक मानै छै।
ऊँच्चोॅ सुर में गाबै मेढ़क
ढौंसा बेंग कहाबै मेढ़क
कोन खुसी में गाबै गीत
कर्ण कटु जेकरो संगीत
जबेॅ हावा सें गाल फुलाबै
टर्र टों के आवाज लगाबै
पीठ प धारी चित्ता रं
टांगोॅ एक एक बित्ता रं
मटमैलो रं जे छै बेंग
होकरो छोटोॅ होय छै टेंग
जरा जरा सन आहट सें
चुप होथौं घबराहट सें
दू टांगोॅ सें जम्प लगैथौं
कूदी के पानी में जैथौं