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तत् त्वम्sसि / कैलाश वाजपेयी

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अगर वह है तो
उस जैसा होने से
कम पर मत राज़ी हो जाना
और अगर लगता है
सच कुछ नहीं है
तब तुम्हें छूट है
    जितना गिर पाओ
गिरते चले जाना.