तनियोॅ नै प्यार छै / श्रीकान्त व्यास
मोटू हवलदार के मोॅच लहरदार छै,
मजबूत बेंत हुनकोॅ अजब लचकदार छै। मोटू...
सिनूरिया आँख आगिन जेनां दहकै,
गाँवोॅ के साँढ़ जेनां बेवजह बहकै,
फटलोॅ बाँस जेनां मुँह बहकदार छै। मोटू...
सब रंगबाज सें लेलकै दोस्ती गाँठी,
चोरी के माल में हिस्सा लेलकै बाँटी,
ठहाका गब्बर काका सें टहकदार छै। मोटू...
पेट हुनकोॅ तुम्मा गणेश जेनां भारी,
हर हमेशा छुटले अटट दै छै गारी,
रस्सी सां भैया मिजाज ऐंठलदार छै। मोटू...
हाजत में असामी कॅे उल्टे लटकाय छै,
तरवा पर दुहत्था भाय लाठी चटकाय छै,
भीतरिया गुस्सा भाय बहुत भड़कदार छै। मोटू...
निर्दोष पर कब तक भाय लाठी बरसैतै,
बर्दियोॅ में रही केॅ हुनी उधम मचैतै,
घूसखोर लेलोॅ कोय दोस्त नै यार छै। मोटू...
सनकी हवलदार जीं गुस्सा कबेॅ थूकतै,
हिनकोॅ अत्याचार कबेॅ पता नै रुकतै,
दोसरा के जान सें तनयोॅ नै प्यार छै। मोटू...