भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तब के नेता-अब के नेता / कोदूराम दलित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तब के नेता जन-हितकारी I अब के नेता पदवीधारी ।।
तब के नेता किए कमाल I अब के नित पहने जयमाल ।।

तब के नेता पटकावाले । अब के नेता लटका वाले ।।
तब के नेता गाँधीवादी I अब के नेता निरे विवादी ।।

तब के नेता काटे जेल । अब के आधे चौथी फेल ।।
तब के नेता गिट्टी फोड़ें । अब के नेता कुर्सी तोड़ें ।।

तब के नेता डण्डे खाएँ I अब के नेता अण्डे खाएँ ।।
तब के नेता लिए सुराज I अब के पूरा भोगें राज ।।

तब के नेता बने भिखारी । अब के नेता बनें शिकारी ।।
तब के एक पंथ पर चलते I अब के नेता रंग बदलते ।।

तब के त्यागी, तपसी, सीधे I अब के नेता वोट खरीदे ।।
तब के नेता सब ठुकराए I अब के शाही महल बनाए ।।

तब के को आराम-हराम । अब के को सबसे प्रिय दाम ।।
तब के नेता को हम मानें I अब के नेता को पहिचाने ।।