मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तब जवाब गंगा मैया दै छै
सुनिलय हौ डाकू डाकू चुहरा
हमरा नाम से सिन्ह मारीहौ
जइ दिन चोरी चुहरा करबे
किया चढ़ौना हमरा देबही
तेकर हलतिया हमरा कहिदे
कबूला कऽ दे घाट सिमरिया
हमर चढ़नमा बौआ चुहर हमरा कहि दे रौ।।
तब जवाब गंगा मैया दै छै
सुनिलय हौ डाकू डाकू चुहरा
हमरा नाम से सिन्ह मारीहौ
जइ दिन चोरी चुहरा करबे
किया चढ़ौना हमरा देबही
तेकर हलतिया हमरा कहिदे
कबूला कऽ दे घाट सिमरिया
हमर चढ़नमा बौआ चुहर हमरा कहि दे रौ।।