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तरीके / विनोद विट्ठल
Kavita Kosh से
(1970 में जन्मी एक लड़की के लिए)
मैंने भाषा के सबसे सुन्दर शब्द तुम्हारे लिए बचा कर रखे
मनचीते सपनों से बचने को रतजगे किए
बसन्त के लिए मौसम में हेर-फेर की
चान्द को देखना मुल्तवी किया
सुबह की सैर बन्द की
अपने अस्तित्व को समेट
प्रतीक्षा के पानी से धरती को धो
तलुओं तक के निशान से बचाया
न सूँघ कर खु़शबू को
न देख कर दृश्यों को बचाया
जैसे न बोल कर सन्नाटे को
एकान्त को किसी से न मिलकर
समय तक को अनसुना किया
सब-कुछ बचाने के लिए
याद और प्रतीक्षा के यही तरीक़े आते हैं मुझे !