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तलाश / प्रभात
Kavita Kosh से
गली की यह सादा-सी जगह
दुनिया की सबसे सुंदर जगह बनी हुई है इन दिनों
इससे सुंदर लैंडस्केप कहीं नहीं पृथ्वी पर
कोई किसी की तलाश में इस गुलमोहर तले खड़े रह
पसीना पोंछते हुए चला गया है वापस
गुलमोहर की उस छाया में साइकिल खड़ी है अब डाकिए की
वो क्यों भटकता है अब इधर
इन गलियों इन रास्तों में जिनमें
कोई चला गया है जिसकी तलाश में भटककर