उसके पंख
स्त्री की इच्छाओं से बने हैं
रंग
स्त्री के स्वप्न से
उड़ान पर
पहरा है
अदृश्य पारदर्शी तलवारों का-
तस्वीर में मौजूद तितली
तस्वीर से बाहर आना चाहती है
देखिये
जरा गौर से देखिये
कोई स्त्री
मुक्ति का गीत गाना चाहती है ।
उसके पंख
स्त्री की इच्छाओं से बने हैं
रंग
स्त्री के स्वप्न से
उड़ान पर
पहरा है
अदृश्य पारदर्शी तलवारों का-
तस्वीर में मौजूद तितली
तस्वीर से बाहर आना चाहती है
देखिये
जरा गौर से देखिये
कोई स्त्री
मुक्ति का गीत गाना चाहती है ।