भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तस्वीर / ओम पुरोहित ‘कागद’
Kavita Kosh से
तस्वीर बनाई मैँनेँ
रंग कोई और भर गया ;
चेहरे पर काला
...बालों पर मटमैला
पैरों मेँ नीला
और हाथोँ मेँ भगवां !
मैँ
अपनी ही बनाई
उस तस्वीर से डर गया !