तहज़ीबो-तमद्दुन के वो तेवर देखे
जो देखे न जाते थे, वो मंज़र देखे
चढ़ती हुई धूप और उतरते पानी
इंसान की तक़दीर के चक्कर देखे।
तहज़ीबो-तमद्दुन के वो तेवर देखे
जो देखे न जाते थे, वो मंज़र देखे
चढ़ती हुई धूप और उतरते पानी
इंसान की तक़दीर के चक्कर देखे।