ताकैं नीक कै निबौरी / जगदीश पीयूष
ताकैं नीक कै निबौरी।
कूकुर भागै लइके भौरी॥
करैं जंगरेव के चोर कै भलाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
केव क दाबे है गरीबी।
धरे गठिया औ टी.बी.॥
परा खटिया पै करा थें बड़ाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
भरा बखरी अनाज।
कहूँ बूड़ा थ जहाज॥
कतौ हंसी कतौ आवा थ रोवाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
राम किरपा तोहार।
लागा हमरिव गोहार॥
आई दुखिया के काम आना पाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥ताकैं नीक कै निबौरी।
कूकुर भागै लइके भौरी॥
करैं जंगरेव के चोर कै भलाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
केव क दाबे है गरीबी।
धरे गठिया औ टी.बी.॥
परा खटिया पै करा थें बड़ाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
भरा बखरी अनाज।
कहूँ बूड़ा थ जहाज॥
कतौ हंसी कतौ आवा थ रोवाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥
राम किरपा तोहार।
लागा हमरिव गोहार॥
आई दुखिया के काम आना पाई राम जी।
बाटें सगरौ दरद कै दवाई राम जी॥