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ताकै छी ताकै छी ताकतै रहै छी / खुशीलाल मंजर

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ताकै छी ताकै छी ताकतैं रहै छी
तोहरऽ कमाय केॅ हम्मं मरै छी
तैय्यो नै हमरऽ छपरी पर खऽर
देह हाथ टूटै छै लागै छै जऽर
असरा लगाय केॅ हम्में तोरा पकड़लां
है रं सतैभा हेतऽ नैं जानलां
आपनऽ करनी पर हम्मेंपछताय छी
ताकै छी ताकै छी ताकतैं रहैं छी

तोरा लेॅ तोसक तकिया हमरालेॅ गुदरी
बाल-बच्चा कांपे छै मरै छै ठुठरी
पेटऽ में नै दाना पानी दीया में नै तेल
सबटा हसौतीकेॅ की सिखाय छऽ खेल
हम्में की सुतबऽ जागले रहै छी
ताकै छी ताकै छी ताकतै रहैं छी

जबेॅ सें हम्में होस सम्हाललां
कहियो नै सदानोॅ रेॅ दरसन पैलां
घुरी फिरी हमरालेॅ वेॅहेॅ पिहानी
नीमकौ रऽ छांछी में छुछछे पानी
तोहें छऽ गदगद हम्में कानै छी
ताकै छी ताकै छी ताकतै रहैं छी

आबेॅ नै फैलाब आपनऽ जाल
दूर नै जैभा की बजाय छऽ गाल
सब दिन तेॅ हमरा ठगतै रहला
वाजिभो कामऽ में कमीसन खैला
दुखऽ में जनमलां आरो दुक्खे जियै छी
ताकै छी ताकै छी ताकतै रहैं छी