ताप के ताए हुए दिन ये
क्षण के लघु मान से
मौन नपा किए ।
चौंध के अक्षर
पल्लव-पल्लव के उर में
चुपचाप छपा किए ।
कोमलता के सुकोमल प्राण
यहाँ उपताप में
नित्य तपा किए ।
क्या मिला-क्या मिला
जो भटके-अटके
फिर मंगल-मंत्र जपा किए ।
ताप के ताए हुए दिन ये
क्षण के लघु मान से
मौन नपा किए ।
चौंध के अक्षर
पल्लव-पल्लव के उर में
चुपचाप छपा किए ।
कोमलता के सुकोमल प्राण
यहाँ उपताप में
नित्य तपा किए ।
क्या मिला-क्या मिला
जो भटके-अटके
फिर मंगल-मंत्र जपा किए ।