Last modified on 10 अगस्त 2016, at 09:43

ताबेमे चुहरा बागमे जुमि गेल / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ताबेमे चुहरा बागमे जुमि गेल
दादा हौ कानमे जड़ी दै छै
मानुष तन आय दादा के छुटि गेल
सुगना रूप मलिनियाँ बनौलकै
सोना पिंजड़ामे दादा बैठल
सबे तमाशा सिरकीमे देखैय
डाकू चुहरा एलै सिरकीमे
लच लच मन चुहरा करैय
कछमछ मनवाँ आइ तऽ चुहरा के करै छै यौ।।