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ता-ता थैया, बादल भैया / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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					ता-ता थैया, बादल भैया, 
पानी के संग बरसा देना, 
कम से कम दस पांच रुपैया। 
नोट नहीं, सिक्के बरसाना। 
एक नहीं, कई बार गिराना। 
तीस रूपये में हो जाएगा, 
चॉकलेट का ठौर ठिकाना। 
चॉकलेट की दम पर ही तो, 
खेल सकेंगे चोर सिपहिया। 
बिनती है, दुःख सारे हर लो। 
सिक्कों की बौछारें कर दो। 
हम सब बच्चे शरण तुम्हारी, 
आज हमारी झोली भर दो। 
उन पैसों से ले आएंगे, 
चना कुरकुरा गुड़ की लैया। 
अगर नहीं सिक्के बरसाए, 
भागे, सिक्के बिना गिराये। 
तो चन्दा तारों से कहकर, 
सिर में सौ थप्पड़ लगवाये।
थप्पड़ खाकर हाल तुम्हारा, 
कैसा होगा बादल भैया?
	
	