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तितली से / महादेवी वर्मा
Kavita Kosh से
मेह बरसने वाला है
मेरी खिड़की में आ जा तितली।
बाहर जब पर होंगे गीले,
धुल जाएँगे रंग सजीले,
झड़ जाएगा फूल, न तुझको
बचा सकेगा छोटी तितली,
खिड़की में तू आ जा तितली!
नन्हे तुझे पकड़ पाएगा,
डिब्बी में रख ले जाएगा,
फिर किताब में चिपकाएगा
मर जाएगी तब तू तितली,
खिड़की में तू छिप जा तितली।