भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तितली / बालस्वरूप राही

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तितली रानी, इतने सुंदर
पंख कहाँ से लाई हो?
क्या तुम कोई शाहजादी हो?

फूल तुम्हें भी अच्छे लगते
फूल हमें भी भाटे हैं।
वे तुम को कैसे लगते जो
फूल तोड़ ले जाते हैं?