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तितली / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
ख़ुश्बू पर ललचाई तितली,
फूलों पर मँडराई तितली।
फूली नहीं समाई तितली,
इतना नाची-गाई तितली।
रंग-रंग की रानी तितली,
रानी क्या पटरानी तितली!