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तिनके गिर रहे हैं मेज़ पर / संजय चतुर्वेदी

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रुके हुए पंखे पर कोई घोंसला बना रहा है

हड़बड़ा के कोई स्विच दबाएगा
गिर पड़ेंगी कुछ चीज़ें ज़मीन पर

कोई अंडे ख़रीद कर लाएगा बाज़ार से
और सारे कमरे में फैल जाएगी
आमलेट की ख़ुशबू