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तिरकोण / कुमार अजय
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					म्हारै अर थारै
बिचाळै जियां 
रैयौ वौ हरमेस
अर जियां रैयौ थूं ई 
बिचाळै हर घड़ी
म्हारै अर वींरै
हां, बियां ई
रैयसूं म्है ई 
थांरै अर वींरै
बिचाळै हर छिण
कीं तूटतौ-सौ
अर कीं तोड़तौ-सौ।
 
	
	

