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तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना
हे निकली बिचली गाल़ जेठानी मार दिया ताना
हे जिनका पति बसें परदेस ऐसे जीने से मर जाना
हे बांदी ल्यावो कलम दवात पति पै गेरूं परवाना
लिखी सब को राम राम गोरी के घर पै आ जाना
चाहे लगियो डेढ़ हज़ार तने अपना नाम कटवाना