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तीन शेर / शमशेर बहादुर सिंह

तुम से हासिल हयात की-सी तरह

ज़िन्दगी में सवाब की-सी तरह


साँस-सा तुमको खींचता हूँ मैं

अपने अन्दर शराब की-सी तरह


चाहता हूँ कि तुमसे कुछ पूछूँ

मुस्कराओ जवाब की-सी तरह।