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तीन / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
सबद
-लीला है
ढीला है-
जे तार वीणा रा
तो नीं सधै सुर सांतरा
लगावो भलांई पैंतरा
-भांत-भांत रा
समझै फगत स्याणो
सबद
-वसीला है
-लीला है।