Last modified on 12 अक्टूबर 2016, at 02:06

तीरो-तलवार से नहीं होता / महावीर उत्तरांचली

तीरो-तलवार से नहीं होता
काम हथियार से नहीं होता

घाव भरता है धीरे-धीरे ही
कुछ भी रफ़्तार से नहीं होता

खेल में भावना है ज़िंदा तो
फ़र्क कुछ हार से नहीं होता

सिर्फ़ नुक्सान होता है यारो
लाभ तकरार से नहीं होता

उसपे कल रोटियाँ लपेटे सब
कुछ भी अख़बार से नहीं होता