तीसरा विश्वयुद्ध / जय जीऊत
तीसरा विश्व युद्ध
कब का शुरू हो चुका है
इस एहसास को
प्रत्येक सतर्क मानव
अन्दर-हीअन्दर लिये जी रहा है ।
देशों के बीच चल रहीं
वर्षों की अन्तहीन लड़ाइयां
अश्वेतों पर
मुट्ठी –भर श्वेतों की ज्यादतियां
भूख की अपराजेय फौज़ों से
लड़ रहे निहत्थों की बिलबिलाहट
मौत के पहलू में बैठे
नशीले द्रव्यों के भयग्रस्त मरीजों का सुबकना
जीवन से चन्द सांसें उधार मांग रहे
'एड्स' के रोगियों का पश्चाताप
अपनी अस्मिता के लिए
संघर्ष करते लोगों की छटपटाहट
दुर्घटनाग्रस्त विमानों के कारण
यात्रियों की उतरोतर बढ़ती दहशत
तीसरी दुनिया के आम आदमियों के गहराते हुए संशय
तथाकथित विकसित देशों के
जानलेवा हथियारों का आतंक
ये दिन-दहाड़े हो रहीं हिंसा-प्रतिहिंसाएं
ये घत-प्रतिघात
ये तोड़-फोड़ की कार्यवाही
ये हड़तालें
ये प्रदर्शन
ये विद्रोह
ये सब इस बत का स्पष्ट संकेत नहीं
कि तीसरा विश्वयुद्ध
कब का शुरु हो चुका है ?
अंतर मात्र इतना है इन महायुद्धों में
कि उन दो महायुद्धों की विभीषिकाएं
कुछेक वर्षों के अंतराल में
फैली-बिखरी पड़ी थीं
जबकि समय का दायरा
एक युग से बिखर-छितर रहीं
इन चहुं तरफी बीभत्सताओं को
किसी तरह बांध पाने में असमर्थ है ।
उन महायुद्धों के मरने-मारने वालों के गिरोह
दम-के-दम में शहीद हो गये थे
चाहे-अनचाहे
अपने वतनों के नाम पर
जबकि इस महायुद्ध के संत्रस्त लोग
मन्थर गति से
थोड़ा-थोड़ा करके
बेनाम मौत मरे जा रहे हैं
एक आखिरी मौत के इन्तज़ार में ।
इन विश्वव्यापी मौतों को देखकर
ऐाा एहसास नहीं होता
कि तीसरा विश्वयुद्ध
कब का शुरू ओ चुका है?