भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तीसरी आँख / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
स्त्री के पास
जल से भरी
दो आँखो के अलावा
होती है
एक तीसरी आँख भी
जान-समझ लेती है
जिससे
अपने-पराये का
सारा सच...
और बहाती है
रक्त के आँसू...।