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तुक्तक और मुक्तक / भारत भूषण अग्रवाल

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(आत्मकथा की झाँकी)

मैं जिसका पट्ठा हूँ
उस उल्लू को खोज रहा हूँ
डूब मरूँगा जिसमें
उस चुल्लू को खोज रहा हूँ ।।