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तुझको सहरा दिखाई देता है / विवेक बिजनौरी
Kavita Kosh से
तुझको सहरा दिखाई देता है,
मुझको दरिया दिखाई देता है
इस समुंदर के होंठ सूखे हैं,
कितना प्यासा दिखाई देता है
कोई तारा नज़र न आये तो,
चाँद तन्हा दिखाई देता है
हर किसी चेहरे में न जाने क्यूँ,
तेरा चेहरा दिखाई देता है
ग़ौर से देख मेरी आँखों में,
और बता क्या दिखाई देता है