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तुमको चाँद धरा पर आना ही होगा / रंजना वर्मा

तुमको चाँद धरा पर आना ही होगा।
विरहन को शृंगार दिलाना ही होगा॥

ख्वाबों की ताबीर मिले इसकी खातिर
साथी तुम्हें लौट कर आना ही होगा॥

इंतजार के गीत पपीहा गाता है
मधुर मिलन संगीत सुनाना ही होगा॥

बिना तुम्हारे हर मौसम पतझार लगे
लेकिन अब बहार को आना ही होगा॥

भेज चाँदनी विरहन को तड़पाता जो
चाँद मिलन की सुधा पिलाना ही होगा॥

सीमा पर मेरा परदेसी जूझ रहा
उसका सबको मान बढ़ाना ही होगा॥

चाहे तन पर लिपटा या हो हाथों में
साथ तिरंगे ध्वज के आना ही होगा॥